22 अप्रैल 2025 को श्रीनगर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले में 17 मासूम लोगों की जान चली गई और 17 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बर्बर हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का हाथ होने के संकेत मिलते ही भारत में पाकिस्तान के खिलाफ भारी आक्रोश फैल गया। सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और देशवासियों ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठाई।
सरकार ने भी तुरंत कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को तोड़ दिया और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। इसके साथ ही साफ कर दिया गया कि जो पाकिस्तानी नागरिक तय समय सीमा तक भारत नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
26 अप्रैल था अंतिम समय
सरकार ने निर्देश दिया था कि पाकिस्तानियों को 26 अप्रैल 2025 तक भारत छोड़ना होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बातचीत कर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि तय समयसीमा के भीतर सभी पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़ दें।
जो पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समय तक भारत नहीं छोड़ेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहना एक गंभीर अपराध है।
देश न छोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
भारत सरकार के अनुसार, जो पाकिस्तानी नागरिक समयसीमा के बाद भी भारत में रहेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन पर मुकदमा चलाया जाएगा और यदि दोषी पाए गए तो उन्हें तीन साल तक की जेल की सजा और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
इस निर्देश के तहत सभी राज्यों को सतर्क किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पाकिस्तानियों की निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई करें। इससे यह साफ संदेश दिया जा रहा है कि भारत अब आतंकवाद के समर्थन करने वाले देशों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेगा।
किन वीजा धारकों को कब छोड़ना था देश?
सरकार ने वीजा श्रेणियों के हिसाब से अंतिम तिथि भी तय की थी। जिन नागरिकों के पास SAARC वीजा था, उन्हें 26 अप्रैल तक भारत छोड़ना था। वहीं मेडिकल वीजा धारकों को 29 अप्रैल 2025 तक देश छोड़ने का समय दिया गया।
इसके अलावा जिन 12 अन्य श्रेणियों के वीजा धारकों को 27 अप्रैल तक भारत छोड़ना था, उनमें व्यवसाय, फिल्म, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, आगमन पर वीजा, समूह पर्यटक वीजा, तीर्थयात्री वीजा और समूह तीर्थयात्री वीजा शामिल हैं।
क्या है आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम 2025?
आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम 2025 के अनुसार, किसी भी विदेशी नागरिक के लिए वीजा की शर्तों का उल्लंघन करना, वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भारत में अवैध रूप से रहना या प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना अनुमति के प्रवेश करना एक गंभीर अपराध है। इसके तहत तीन साल की जेल और तीन लाख रुपये तक के आर्थिक दंड का प्रावधान है।
इस कानून के जरिए सरकार ने विदेशी नागरिकों पर नजर रखने और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का रास्ता साफ किया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस अधिनियम का सख्ती से पालन कराया जा रहा है ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।
निष्कर्ष
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति में सख्ती दिखाई है। देशवासियों के आक्रोश को देखते हुए सरकार ने जो निर्णय लिए हैं, उनसे यह साफ हो गया है कि भारत अब आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के मोड में है। पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश और निर्धारित समयसीमा के बाद सख्त कार्रवाई का ऐलान भारत के बदले हुए रुख का स्पष्ट प्रमाण है। आने वाले दिनों में भी भारत की नीति आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर आधारित रहने वाली है।