पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त और ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय ने इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है, जिससे पाकिस्तान को बेनकाब होने का डर सताने लगा है। इस बीच पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने मित्र चीन का समर्थन पाने में जुट गया है।
रविवार को पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न हालात और क्षेत्रीय तनाव पर चर्चा की। बातचीत के दौरान दोनों देशों ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही, चीन ने पाकिस्तान की मांग का समर्थन करते हुए पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच का समर्थन किया है।
चीन का रुख: संयम और निष्पक्ष जांच की मांग
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के साथ बातचीत के दौरान कहा कि चीन पहलगाम हमले के बाद के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। वांग यी ने स्पष्ट किया कि चीन इस आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है।
इसके अलावा वांग ने यह भी कहा कि चीन पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा हितों की रक्षा में उसके साथ मजबूती से खड़ा है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की। वांग ने दोहराया कि संघर्ष दोनों देशों के हित में नहीं है और इससे क्षेत्रीय स्थिरता को भी खतरा हो सकता है।
इशाक डार का बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम का विरोध करता है और वह चीन सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संपर्क में रहेगा।
डार ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने ‘एकतरफा और अवैध कार्रवाई’ की है और पाकिस्तान के खिलाफ निराधार प्रचार किया है। उन्होंने चीन के निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और हर परिस्थिति में चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने एकतरफा और आधिपत्यवादी नीतियों का विरोध करने, आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देने, तथा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराया है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली थी।
भारत ने हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसी के तहत अब एनआईए इस हमले की गहराई से जांच कर रही है ताकि हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को दुनिया के सामने लाया जा सके।
निष्कर्ष
भारत की सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह घबराया हुआ है। ऐसे में चीन का समर्थन पाकिस्तान के लिए एक मनोवैज्ञानिक राहत जरूर है, लेकिन भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। आने वाले समय में भारत की जांच रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय समर्थन पाकिस्तान के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।