भारत के कई राज्यों में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और इसका असर अब उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में तेज़ी से देखा जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के लिए अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान प्रमुख रूप से शामिल हैं।
बारिश के चलते तापमान में गिरावट के साथ उमस और गर्मी से राहत तो मिलेगी, लेकिन भारी बारिश के कारण जलभराव, भूस्खलन, ट्रैफिक जाम और बाढ़ जैसे खतरे भी मंडरा सकते हैं।
किन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
IMD की ताज़ा चेतावनी के अनुसार, कई राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा की आशंका है:
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उत्तराखंड: देहरादून, नैनीताल, चंपावत जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
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हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर: इन राज्यों में तेज बारिश के कारण भूस्खलन की आशंका है।
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पंजाब और हरियाणा: यहां तेज़ हवाओं के साथ लगातार बारिश के आसार हैं, जिससे फसलों और यातायात पर असर पड़ सकता है।
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उत्तर प्रदेश: पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में कहीं-कहीं गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
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राजस्थान: 8 से 10 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान में जलभराव की स्थिति बन सकती है।
मध्य भारत में मानसून की सक्रियता
मध्य प्रदेश में ग्वालियर और आसपास के इलाकों में नौ और दस जुलाई को भारी बारिश का अनुमान है। वहीं, छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी वर्षा हो सकती है।
गुजरात और पूर्वी राजस्थान में भी मानसून सक्रिय हो चुका है। भारी बारिश के साथ वज्रपात की घटनाएं हो सकती हैं, जिससे खेतों और खुले स्थानों पर काम कर रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
पूर्वोत्तर और पूर्व भारत में बारिश की स्थिति
पूर्वोत्तर भारत जैसे असम और मेघालय में भारी बारिश से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और निचले इलाकों में पानी भरने की स्थिति बन सकती है।
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, झाड़ग्राम और मेदिनीपुर में भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। वहीं, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फिलहाल मानसून कमजोर बना रहेगा, लेकिन 2-3 दिनों के बाद इन क्षेत्रों में भी बारिश की गतिविधियों में इज़ाफा हो सकता है।
दक्षिण और पश्चिम भारत में हालात
दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है। तमिलनाडु और तेलंगाना में भी मध्यम बारिश के साथ कुछ इलाकों में भारी बौछारें पड़ सकती हैं।
पश्चिमी भारत की बात करें तो महाराष्ट्र के मुंबई, पालघर, रायगढ़ में ऑरेंज अलर्ट जारी है। IMD ने इन क्षेत्रों के लोगों को समुद्र किनारे न जाने की चेतावनी दी है और आकाशीय बिजली तथा तेज़ हवाओं से बचाव के उपाय करने को कहा है।
मौसम की वजह क्या है?
इस व्यापक बारिश की मुख्य वजहें हैं:
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अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमीभरी हवाएं, जो उत्तर और मध्य भारत में मानसून को सक्रिय कर रही हैं।
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हरियाणा के पास बना निम्न दबाव क्षेत्र, जो पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश और विदर्भ तक असर डाल रहा है।
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स्काइमेट के अनुसार, इस ट्रफ लाइन की वजह से शाम से देर रात तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
लोगों को क्या करना चाहिए?
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खुले मैदान और पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें।
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कमजोर संरचनाओं और जलभराव वाले क्षेत्रों में न जाएं।
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जिन इलाकों में भूस्खलन या बाढ़ का खतरा है, वहां सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।