भूल चूक माफ: रिश्तों की मिठास से भरी एक खूबसूरत कहानी
अगर आप एक हल्की-फुल्की, दिल से जुड़ी, और परिवार के साथ बैठकर देखी जाने वाली फिल्म की तलाश में हैं, तो "भूल चूक माफ" आपके लिए ही बनी है।
लेखक/निर्देशक – करण शर्मा
कलाकार – राजकुमार राव, वामीका गब्बी, सीमा पाहवा, संजय मिश्रा, ज़ाकिर हुसैन, रघुबीर यादव
फिल्म की अवधि – 121 मिनट
मैडॉक फिल्म्स की हर नयी फिल्म से अब ऑडियंस को बहुत उम्मीदें होती है। उनकी हर फिल्म कुछ नया लेकर आती है और ऑडियंस के साथ कनेक्टहो जाती है। इस हफ्ते मैडॉक फिल्म्स लेकर आये है आपके लिए एक पारिवारिक फिल्म 'भूल चूक माफ़' और यह फिल्म सीधा आपके दिल में घर करजाएगी। इस फिल्म को हर कोई एन्जॉय करेगा।
फिल्म की कहानी है रंजन (राजकुमार राव) की, जो बनारस जैसे रंग-बिरंगे शहर में एक आम लड़के की तरह अपनी जिंदगी से जूझ रहा है – सरकारीनौकरी की उम्मीद, घरवालों की बातें, और अंदर ही अंदर कुछ अधूरा-सा महसूस करता हुआ। फिर उसकी जिंदगी में आती है तितली (वामीका गब्बी) – एक बेपरवाह, खुले दिल की लड़की जो रंजन की दुनिया को हिला कर रख देती है। लेकिन यही हिलाना, रंजन को खुद से मिलवाता है।
लेकिन फिल्म सिर्फ इन दोनों की लव स्टोरी नहीं है। फिल्म का सबसे मजबूत पहलू है उसका दिल – इसमें दिखाया गया है कि कैसे छोटे-छोटे सपने, पारिवारिक रिश्ते और खुद को खोजने की चाह, मिलकर एक बड़ी बात कह जाते हैं।
अभिनय की बात करें तो…राजकुमार राव फिर से साबित करते हैं कि वो हर किरदार में जान डाल देते हैं। चाहे कॉमेडी सीन हो या फिर इमोशनल ,हरसीन को उन्होंने अपना बनाया है। वामिका गब्बी की यह पहली कॉमेडी फिल्म है और उन्होंने पूरी तरह से ऑडियंस का दिल जाते हैं। उनका किरदारमजेदार तो है ही लेकिन उसमे काफी गहराई भी है। दोनों की केमिस्ट्री भी ऑडियंस को खूब पसंद आने वाली हैं। इनके साथ साथ फिल्म में बाकीकिरदारों ने चार छान लगाए हैं। संजय मिश्रा, सीमा पाहवा, और रघुबीर यादव जैसे कलाकारों की मौजूदगी फिल्म को मजबूती देती है। कुल मिलाकरहर परफॉरमेंस बेहतरीन हैं।
करण शर्मा का निर्देशन साफ, सरल और असरदार है। यह उनकी पहली फिल्म है और पहली ही फिल्म से उन्होंने ऑडियंस के दिलों में जगह बनायींहै। उन्होंने फिल्म को कहीं भी भारी नहीं होने दिया – कहानी बहती है, और आप उसके साथ बहते चले जाते हैं। कहानी अंत में एक सीख भी देती हैकि ज़िन्दगी में लोगों को दूसरा मौका देना चाहिए और कोई गलती हो तो उसको भूल कर आगे बढ़ना चाहिए।
गाने फिल्म का मूड बहुत अच्छे से बयां करते हैं। 'टिंग लिंग सजना' और 'चोर बाज़ारी फिर से' जैसे गानों में हल्कापन है, जो दिल को सुकून देता है।बैकग्राउंड म्यूज़िक भी कहानी से मेल खाता है।
अगर आप एक हल्की-फुल्की, दिल से जुड़ी, और परिवार के साथ बैठकर देखी जाने वाली फिल्म की तलाश में हैं, तो "भूल चूक माफ" आपके लिएही बनी है।
सह-निर्माता शारदा कार्की जलोटा, निर्माता दिनेश विजान, लेखक और निर्देशक करण शर्मा की फिल्म भूल चूक माफ आपको हंसाएगी, सोचने परमजबूर करेगी, और सबसे ज़रूरी – अपने रिश्तों की कद्र करना सिखाएगी।