ताजा खबर

18 साल, 50 औरतें, 50 पति… 1911 में गांव को कब्रिस्तान बनाने वाली महिलाओं की खौफनाक कहानी

Photo Source :

Posted On:Wednesday, August 27, 2025

आज जब हम सोशल मीडिया या न्यूज़ में रिश्तों के टूटने की खबरें पढ़ते हैं, तो कई बार लगता है कि इंसानियत और रिश्तों का मूल्य अब खत्म होता जा रहा है। लेकिन इतिहास के पन्नों में झांकने पर कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जो आज के समय से कहीं ज्यादा खौफनाक और अविश्वसनीय हैं। ऐसी ही एक भयानक और चौंकाने वाली कहानी सामने आई थी हंगरी के नाग्यरेव नामक गांव से, जो राजधानी बुडापेस्ट से करीब 130 किलोमीटर दूर स्थित है।


1911 से 1929 तक चलता रहा 'जहर का खेल'

इस गांव में साल 1911 से लेकर 1929 के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने इतिहास में इसे "द पॉइजनर्स ऑफ नाग्यरेव" के नाम से कुख्यात बना दिया। लगभग 18 साल तक एक के बाद एक मर्दों की रहस्यमयी मौतें होती रहीं, और किसी को भनक तक नहीं लगी। जब तक सच्चाई सामने आई, 50 से अधिक पुरुषों की हत्या की जा चुकी थी। इन सभी को बेहद चुपचाप, जहर देकर मारा गया था


मौत की रहस्यमयी परतें और जोजसाना फाजकास

इस रहस्य से पर्दा तब उठा जब कुछ मामलों में शवों के पोस्टमॉर्टम में आर्सेनिक (जहर) के निशान मिले। जांच आगे बढ़ी तो यह राज सामने आया कि इन हत्याओं के पीछे कोई और नहीं, खुद उन मर्दों की पत्नियां थीं। और इन हत्याओं की साजिश में मदद करने वाली थी एक दाई (मिडवाइफ) जिसका नाम था जोजसाना फाजकास

जोजसाना नाग्यरेव गांव में एक प्रतिष्ठित और भरोसेमंद महिला थी। महिलाएं उसे अपनी बहन और सहेली की तरह मानती थीं और अपने वैवाहिक जीवन की समस्याएं उसके साथ साझा करती थीं। यह वही दौर था जब महिलाओं को बहुत कम उम्र में शादी के लिए मजबूर किया जाता था, और अक्सर उनके पति उनसे बहुत बड़े उम्र के होते थे


पतियों से छुटकारा दिलाने का 'हल'

कई मामलों में महिलाएं घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और जबरन शादी का शिकार थीं। जब उन्होंने इन समस्याओं को जोजसाना से साझा किया, तो उसने उन्हें जहर देकर अपने पतियों से छुटकारा दिलाने की सलाह दी। धीरे-धीरे गांव में एक गुप्त नेटवर्क बन गया, जिसमें महिलाएं एक के बाद एक अपने पतियों को आर्सेनिक मिलाकर मारने लगीं।

जोजसाना फाजकास महिलाओं को बताती थी कि यह जहर पूरी तरह गुप्त और बिना सबूत के असर करता है। इसकी वजह से कई सालों तक किसी को इस 'मौत के खेल' की भनक तक नहीं लगी।


जब फूटा सच, तो कांप उठा पूरा हंगरी

1929 में जब कुछ लोगों की संदिग्ध मौतों की जांच हुई, तब सच्चाई सामने आई। पुलिस ने जांच शुरू की और कब्रों को खोदकर शवों की जांच की गई, जिसमें कई मामलों में जहर मिलने की पुष्टि हुई। जब महिलाओं से पूछताछ की गई, तो 24 से ज्यादा महिलाओं ने हत्या की बात कबूल कर ली।

इस घटना ने पूरे हंगरी ही नहीं, दुनिया को हिलाकर रख दिया। एक शांत और प्यारा-सा गांव, जहां रिश्तों को पूजा जाता था, वहीं इन्हीं रिश्तों ने ऐसा भयानक रूप ले लिया जिसकी कल्पना भी डरावनी लगती है।


निष्कर्ष: क्यों जरूरी है संवाद?

नाग्यरेव की ये कहानी सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि एक सामाजिक अन्याय, स्त्री उत्पीड़न और मानसिक पीड़ा की गहरी तस्वीर भी है। यह घटना बताती है कि जब समाज महिलाओं की आवाज दबाता है, उन्हें विकल्प नहीं देता, तो कुछ महिलाएं अंधेरे रास्ते पर भी चल सकती हैं।

आज के दौर में भी, यह कहानी समानता, संवाद और न्याय की जरूरत को दोहराती है — ताकि कोई भी रिश्ता जहर में न बदले।


मेरठ, और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. meerutvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.