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भारत की पाक कला के छिपे खजाने: 'अरबी', 'जिमीकंद' से लेकर 'थोर' तक, 4 अनोखी लेकिन स्वादिष्ट सामग्रियां

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Posted On:Saturday, October 11, 2025

मुंबई, 11 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत अपने व्यंजनों की विविधता के लिए जाना जाता है, और देश के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ ऐसी अनोखी सामग्रियाँ पाई जाती हैं जो दुनिया में कहीं और दुर्लभ हो सकती हैं। ये स्थानीय खजाने देखने में भले ही अजीब लगें, लेकिन स्वाद और पोषण में बेमिसाल होते हैं। यहाँ भारत की ऐसी ही चार असामान्य लेकिन स्वादिष्ट सामग्रियों पर एक नज़र डाली गई है, जिन्हें हर फूडी को आज़माना चाहिए:

1. थोर (केले का तना - Banana Stem)

बंगाल में इसे 'भरली' के नाम से जाना जाता है, थोर केले के पौधे का कुरकुरा, रेशेदार केंद्र होता है। बंगाली, और कई उष्णकटिबंधीय तटीय संस्कृतियों के लोग, केले के हर हिस्से का उपयोग करते हैं।

व्यंजन: थोर-एर छेचकी (Thor-er chhechki) - एक साधारण सूखी भुजिया (stir-fry) इसे बनाने का सबसे आसान तरीका है।

तैयारी: इसे तैयार करने में सबसे अधिक समय लगता है, क्योंकि खाने के लिए रेशे जैसे पतले धागों को हटाना ज़रूरी होता है।

पोषण मूल्य: थोर को प्राकृतिक मूत्रवर्धक (natural diuretic) माना जाता है, जो विटामिन B6 और पोटेशियम से भरपूर होता है, और यह व्यंजनों में एक अनूठी बनावट (unique texture) जोड़ता है।

2. जिमीकंद (सूरन / एलीफेंट फुट यम - Elephant Foot Yam)

अपने नाम की तरह ही, जिमीकंद उत्तरी भारत में काफी लोकप्रिय है। इसकी मोटी, गहरी, गाँठदार त्वचा हाथी के पैर जैसी दिखती है। यह एक स्टार्च वाली जड़ है जो विटामिन, खनिज, आहार फाइबर, पोटेशियम और विटामिन सी से भरपूर होती है।

व्यंजन: हालाँकि कुछ लोग इसकी सब्ज़ी बनाना पसंद करते हैं, लेकिन जिमीकंद से बनी चिप्स बहुत स्वादिष्ट होती हैं।

तैयारी: इसकी सख्त बाहरी त्वचा के कारण इसे तैयार करना थकाऊ हो सकता है, लेकिन छीलने के बाद इसे उबाला जा सकता है, तला जा सकता है, भुना जा सकता है, या चिप्स बनाया जा सकता है।

सरल विधि: जिमीकंद को स्लाइस करें, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, नींबू का रस और नमक छिड़कें, फिर कुरकुरा होने तक शैलो-फ्राई करें।

3. कमल ककड़ी (कमल नाल - Lotus Stem)

कमल ककड़ी को अक्सर दिल्ली के बाज़ारों में बेचा जाता है, जिसे काटने पर इसका सुंदर जालीदार आंतरिक भाग दिखाई देता है। यह सामग्री, विशेष रूप से प्रामाणिक कश्मीरी व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।

बनावट: इसकी कुरकुरी, स्टार्च वाली बनावट पकने के बाद आलू जैसी हो जाती है।

उपयोग: कमल ककड़ी बहुत बहुमुखी (versatile) होती है—यह करी (curries) या स्लाइस करके तलने (fried) के लिए एकदम सही है।

4. अरबी (टैरो - Taro)

जड़ वाली सब्ज़ियों के शौकीनों के लिए, अरबी एक अद्भुत विकल्प है। यह आलू की तुलना में सख्त होती है और भारत और पाकिस्तान दोनों में एक स्वादिष्ट व्यंजन है। इसके पत्ते, जो हाथी के कान जैसे दिखते हैं, भी मूल्यवान माने जाते हैं।

तैयारी: इसे पकाने से पहले छीलकर उबालना या भाप देना आवश्यक है, जिसके बाद इसे तला जा सकता है, भूना जा सकता है या करी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

ये सामग्रियां भारतीय पाक कला की गहराई को दर्शाती हैं, जहाँ हर क्षेत्र के भीतर की भी अपनी विशिष्ट सामग्रियां होती हैं। इन अनोखी सामग्रियों की खोज हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर सबसे पहले किसने पत्थर जैसी दिखने वाली इन जड़ों को तोड़कर अंदर का स्वादिष्ट खजाना खोजा होगा।


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