मुंबई, 28 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के अर्धकुंवारी पड़ाव पर रविवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। भारी बारिश के बाद इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन हुआ, जिसमें 34 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। इसके बाद यात्रा तत्काल प्रभाव से रोक दी गई। अचानक हुए इस हादसे के कारण कई श्रद्धालु कटरा और आसपास फंस गए। जो यात्री रास्ते में थे, उन्हें रुकने को कहा गया है, वहीं बड़ी संख्या में लोग कटरा के होटलों में यात्रा के दोबारा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
घटना के बाद प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया और राहत व बचाव अभियान शुरू कर दिया। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मृतकों के शव उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली है। अब तक 24 मृतकों की पहचान की जा चुकी है। बोर्ड की ओर से मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग की ओर से 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। इस बीच, जम्मू संभाग में अचानक आई बाढ़ और बादल फटने से फंसे यात्रियों की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू से दिल्ली के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की। यह ट्रेन सुबह 11:30 बजे जम्मू रेलवे स्टेशन से रवाना हुई। अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन में उन्हीं यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो आपदा के चलते कटरा और आसपास फंसे हुए हैं।
फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए कटरा होटल एसोसिएशन भी आगे आया है। एसोसिएशन ने घोषणा की कि वह जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को 2 से 4 दिनों तक मुफ्त आवास उपलब्ध कराएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने कहा कि कठिन समय में श्रद्धालुओं की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। इधर, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी पहले से मौजूद थी, इसके बावजूद यात्रा रोकी नहीं गई। चौधरी ने दावा किया कि वैष्णो देवी हादसे में श्रद्धालु प्राकृतिक आपदा से नहीं मरे बल्कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनकी जान गई है। उन्होंने इस त्रासदी को आपराधिक साजिश बताया और इसकी गहन जांच की मांग की।