राजस्थान के जयपुर से मंगलवार को एक बड़ी घटना सामने आई है. यहां राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें वह अपने घर में सोफे पर आराम से बैठे हुए थे, जिसके बाद तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। जिसके बाद गंभीर रूप से घायल सुखदेव सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. पुलिस ने हमलावरों की पहचान कर ली है, लेकिन वे फरार हैं. लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अपराधी गैंगस्टर रोहित गोदरा ने करणी सेना प्रमुख की जिम्मेदारी ले ली है, जिसके बाद लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन है और उसने सुखदेव सिंह की हत्या क्यों की?
अपने ही घोंपते हैं पीठ में खंजर🔪
किस तरह घर पे मेहमानों की तरह बैठे हत्यारों ने मौका
पाते ही सुखदेव सिंह गोगामेड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी@PoliceRajasthan हत्यारों का तत्काल प्रभाव से इंकाउंटर करे व इनके घरों पे बुलडोजर कार्यवाही हो ✍️ pic.twitter.com/07GHtmD8Kg
— Deepak Sharma (@SonOfBharat7) December 5, 2023
गोदरा पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है.
करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई अपराधी रोहित गोदरा ने हत्या की जिम्मेदारी ली और फेसबुक पर लिखा कि सभी भाइयों को राम राम, मैं रोहित गोदरा कपूर हूं। भाइयो, आज सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई। हम इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हैं. यह हत्या हमने ही की है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि उन्होंने हमारे दुश्मनों के साथ सहयोग किया और उन्हें मजबूत किया। जहां तक दुश्मनों का सवाल है, तो उन्हें अपने दरवाजे पर बीयर तैयार रखनी चाहिए और जल्द ही वे मिलेंगे। गोगामेडी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला व्यक्ति गोदारा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है और पुलिस ने उसे वांछित घोषित कर दिया है। इसके अलावा उस पर 1 लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था.
गोदरा पहले भी दो हत्याओं की जिम्मेदारी ले चुका है
जानकारी के मुताबिक रोहित गोदारा बीकानेर का रहने वाला है. 2022 में वह फर्जी नाम से पासपोर्ट बनवाकर देश से भाग गया। वह 2019 चूरू भींवराज सारण हत्याकांड में भी मुख्य आरोपी था। गोदारा ने गैंगस्टर राजू थिथ की हत्या की भी जिम्मेदारी ली थी. गोगामेड़ी लंबे समय से राजपूत करणी सेना से जुड़े हुए हैं, क्योंकि इसकी स्थापना 2006 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने की थी, 2008 में इसके विभाजन के बाद जब इसके अध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली ने पार्टी छोड़ दी और अपनी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समिति बनाई। इसका अध्यक्ष बनाया गया. . हालांकि बाद में कालवी और गोगामेड़ी में विवाद हो गया और कालवी को हटा दिया गया. इसके बाद गोगामेड़ी ने राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का गठन किया.
स्थानीय लोगों ने कहा कि गोगामेड़ी को पहले भी कई बार धमकियां मिली थीं और उन्होंने जान से मारने की धमकियों की शिकायत पुलिस से की थी. गोगामेड़ी की पत्नी जब कॉलोनी के मंदिर में पूजा करने गई तो उसके साथ निजी बंदूकधारी भी थे।