करकट से भोजपुरी स्टार पवन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. करकट की जनता से वोट मांगते वक्त पवन सिंह अक्सर अपनी मां से अपील करते हैं. चुनाव प्रचार के दौरान पवन सिंह को कई बार ये कहते हुए सुना गया कि उनकी मां ने उन्हें करकट को सौंप दिया था. लेकिन अब वही मां पवन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं?
क्या मां-बेटे के बीच होगी लड़ाई?
जी हां, पवन सिंह ने बिना किसी को बताए गुपचुप तरीके से अपनी मां को भी नॉमिनेट कर दिया है. करकाट में नामांकन की अंतिम तिथि 14 मई थी. ऐसे में पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी ने भी करकट से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की है. यह खबर सामने आते ही करकट ही नहीं बल्कि बिहार की राजनीति में भी भूचाल आ गया. सभी के मन में एक ही सवाल था कि क्या अब पवन सिंह की मां अपने बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी? आख़िरकार इस गुप्त नामांकन का कारण क्या था?
सच बोला पवन सिंह ने
हालांकि, पवन सिंह ने बिना देर किए पूरे मामले पर सफाई दी. पवन सिंह का कहना है कि उनकी मां उनके लिए चुनाव लड़ सकती हैं, उनके खिलाफ नहीं. दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान अक्सर उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो जाते हैं. ऐसे में पवन सिंह को आशंका है कि उनका नामांकन रद्द हो सकता है. तो वहीं पवन सिंह ने भी अपनी मां प्रतिमा देवी का नामांकन भरा है. ऐसे में अगर पवन सिंह का नामांकन रद्द होता है तो भोजपुरी स्टार अपनी मां के नाम पर चुनाव लड़ेंगे.
शिवहर में भी मां-बेटे की लड़ाई है
आपको बता दें कि करकट से पहले बिहार की शिवहर सीट पर मां-बेटे के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है. बेशक पवन सिंह की मां अपने बेटे के लिए करकट से चुनाव लड़ चुकी हैं. लेकिन शिवहर की कहानी थोड़ी अलग है. जेडीयू ने कद्दावर नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, अपनी मां के साथ प्रचार करने वाले उनके छोटे बेटे अंशुमन आनंद ने भी बिहार से अपनी उम्मीदवारी दाखिल की. ऐसे में अब भी सस्पेंस बना हुआ है कि क्या शिवहर में मां-बेटे की झड़प वाकई असली है या सिर्फ चुनावी स्टंट है.