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नई या पुरानी, कौन सी टैक्स रिजीम है बेहतर, कितनी बार कर सकते हैं स्विच?

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Posted On:Saturday, April 26, 2025

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय सबसे बड़ा सवाल होता है – नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) बेहतर है या पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime)? यह फैसला करने में कई टैक्सपेयर्स को असमंजस रहता है, खासकर तब जब हर साल इनकम, खर्च और टैक्स प्लानिंग में बदलाव होते रहते हैं।

सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग नई टैक्स रिजीम को अपनाएं। यही वजह है कि इसे अब डिफॉल्ट व्यवस्था बना दिया गया है। यानी यदि आप ITR फाइल करते समय कोई विकल्प नहीं चुनते, तो आपकी आय अपने आप नई टैक्स रिजीम के तहत मानी जाएगी। फिर भी, टैक्सपेयर्स को दोनों में से किसी भी एक को चुनने की पूरी आजादी है।

नॉन-बिजनेस इनकम वालों के लिए क्या नियम हैं?

अगर आपकी आय सैलरी, ब्याज, या किराये जैसी नॉन-बिजनेस इनकम से आती है, तो आपके पास हर वित्तीय वर्ष में टैक्स रिजीम बदलने का विकल्प रहता है।

  • उदाहरण के तौर पर: अगर आपने पिछले साल न्यू टैक्स रिजीम चुनी थी, तो इस साल आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुन सकते हैं।

  • लेकिन ध्यान रहे, यह विकल्प तभी मान्य होगा जब आप समय पर ITR फाइल करेंगे

देरी से फाइल करने पर, आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था में स्विच करने का विकल्प नहीं मिलेगा। इसलिए सही टैक्स रिजीम चुनने के साथ-साथ समय पर रिटर्न फाइल करना भी बेहद जरूरी है।

बिजनेस इनकम वालों के लिए क्या प्रावधान हैं?
अगर आपकी इनकम बिजनेस या प्रोफेशनल स्रोत से है, तो नियम थोड़े सख्त हैं।

  • बिजनेस इनकम वालों को टैक्स रिजीम बदलने का मौका केवल एक बार मिलता है।

  • यानी यदि आपने एक बार न्यू टैक्स रिजीम चुनी और फिर पुरानी में लौट आए, तो भविष्य में दोबारा न्यू टैक्स रिजीम में नहीं जा सकते

इसके लिए आपको फॉर्म 10-IEA भरना होता है। यह फॉर्म आपके टैक्स विकल्प की पुष्टि करता है और यह जरूरी है कि यह रिटर्न फाइल करने से पहले ही भरा जाए।

ITR फाइल करने की डेडलाइन

  • जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट की जरूरत नहीं है, उन्हें 31 जुलाई, 2025 तक अपना ITR फाइल करना होगा।

  • अगर इस तारीख को चूक गए, तो आप 31 दिसंबर, 2025 तक लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

अगर आपने समय पर ITR फाइल किया है और बाद में महसूस होता है कि दूसरी टैक्स रिजीम ज़्यादा फायदेमंद होती, तो आप एक बार संशोधित रिटर्न (Revised Return) भी दाखिल कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा सिर्फ उन्हीं के लिए है, जिन्होंने डेडलाइन से पहले ITR फाइल किया है

कौन सी टैक्स रिजीम है फायदेमंद?

अब सबसे अहम सवाल – नई टैक्स रिजीम चुनें या पुरानी?

पहलू पुरानी टैक्स रिजीम नई टैक्स रिजीम
टैक्स स्लैब पुराने दर पर सरल स्लैब दरें
छूट और कटौतियां धारा 80C, 80D, HRA आदि छूट बेहद सीमित
12 लाख इनकम टैक्स योग्य (छूटों पर निर्भर) टैक्स फ्री सीमा तक लाभ
उपयुक्त किसके लिए जिन्हें ज्यादा टैक्स छूट मिलती है जिनकी छूटें कम हैं या नहीं हैं

यदि आप हर साल कई छूट और कटौतियों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है।
लेकिन अगर आपकी इनकम सरल है और टैक्स बचाने के लिए ज्यादा निवेश नहीं करते, तो नई टैक्स रिजीम फायदेमंद हो सकती है।

निष्कर्ष

ITR फाइल करने से पहले खुद का आय और टैक्स बचत का विश्लेषण जरूर करें। यदि आप नौकरीपेशा हैं और साल भर में LIC, PPF, EPF या HRA जैसी छूटों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था आपको ज़्यादा फायदा दे सकती है। लेकिन अगर आपकी टैक्स प्लानिंग सीमित है और आपको सीधी और सरल व्यवस्था चाहिए, तो नई टैक्स रिजीम चुनना उचित हो सकता है।

ध्यान रखें: सही टैक्स रिजीम का चुनाव करने से आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग भी बेहतर कर सकते हैं।


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